Tuesday, May 24, 2016

देवता बनाये तो क्या किये?

मेरा मान,
मेरा अभिमान,
मेरा स्वरुप,
मेरा अस्तित्व को तोड़कर
तुमने मुझे देवता बनाये
तो क्या किये?

श्रद्धा के दो सुमन
अर्पण किये तो क्या किये?
स्वर्ण-सिंहासन और पादुका दिए तो क्या दिए?
संगमरमर के मंदिर बनवाए तो क्या बनवाए?
भोग के थाल अर्पण किये तो क्या किये?
साज-सज्जा, रत्न जड़ित किरीट  पहनाए तो क्या पहनाए?

तुमने मुझसे मेरा सब कुछ ले लिया
कुछ भी नहीं दिया।
मेरा अस्तित्व,
मेरा रूप! मेरा रंग!
मेरा परिचय!
मुझसे मेरा जमीन,
आकाश, पेड़ के छांव,
सूर्य की रौशनी ले ली।

सब तुमने अपने और सिर्फ अपने स्वार्थ और मनोरंजन के लिए किये,
आज बीच बाजार में क्यों मुझे नुमाइश के लिए निकले हो?
ये वाहवहाई मुझे नहीं तुम्हें चाहिए।

सच कहूं तुमने कभी प्यार करना नहीं जाना।
मुझे मेरा स्वरुप में पूजते
मुझे मेरा स्वरुप में रहने देते
तो आज ये तमाशा नहीं करना होता।
तुमने मुझे आज बीच बाजार में ला खड़ा किया है,
तुमने मुझे बेच दिया है मानव !

 : Saheb Ram Tudu, Date: 25/05/2016



Saturday, April 9, 2016

अंतर दियाड़ा

जुल कातिंग में अंतर दियाड़ा ,
चेरेच आतिंग में अंतर बागान ।  
आर आम खोंन आस तेयाक,
नोवा जियोन रे आर चेतहों बांग ताहेन ।

तेहेंग  हों आमाक्  गे सेरेंग रावान्त,
आमाक् दुलाड़ कथा अंतर रे बाहाक् । 
नोवा होड़मो हाले हासा रे मेंसाक् ,
जीवी दो आमसाव गे चालाक् ।

आतार कतिंग में दुख-दन्धी ,
आमगे इंगरेन सुखेर बंदि ।
जीवी-जीवी आलाँगाक् तपल मिदुक, 
नोवा गे इयांक्  आसा  अरिबंदि । 

रोड़-रोपड़ तेयाक् आडी किछु मेनाक्,
येंल-येंपेल तेयाक् आडी किछु मेनाक् । 
डार-डार रे मतकोम बाहा लेका ,
सों-सोंधड़ तेयाक् आडी किछु मेनाक् ।

आम गे इंगरेन सानाम आशा ,
दे माराव कतिं में सानाम काषा। 
दे से आंजले यूँ अंमें,
दुलाड़ रेयाक् नोवा लुति रासा। 

By- Saheb Ram Tudu
Date : 09-04-2016, Kolkata, Haltu