Monday, April 21, 2014

भोगनाडीह की यात्रा

जीबों रे झारखण्ड लेकन धरती दो पंजा ते हो बंग नमोक आ।   दो नोवा धरती रे ओंका ओका रे हों मेंएक अकत. मैं यहाँ पर १७/०४/२०१४ रत को हावड़ा जमाल पर ट्रैन पकड़ के बरहरवा स्टेशन पहुँच. वहां रिसीव करने के लिए नीरज हेम्ब्रम पहुंचे हुए थे।  वैसे तो मुझे हिदायत दी हुई थी की रिक्सा लेके रॉयल डायमंड होटल जाने के लिए  परन्तु इन्हें वहां प् कर बहुत खुश हुव. पहले तो इनसे मैंने हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया पर उनका हाथ आशीर्वाद देने के लिए पहले ही उठ गया मैं उन्हें डबोक जोहर दिया. स्टेशन के बहार आये तो देखा बहुत बड़ी स्कार्पियो कड़ी थी मुझे लगा मुझे लेने के लिए ये गाड़ी यहाँ ? बाद में पता चला इनके दीदी और जीजा डेल्ही से आ रहें हैं ट्रैन लेट है इसी लिए वो भी अभी तक स्टेशन में हैं. काफी अच्छी मिलकत थी।  हमने चाय पिय. गाड़ी में कुछ म्यूजिक सुने. भोगनाडीह की यात्रा 

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